राहु काल
राहु काल -
राहु काल एक विशिष्ट समय अवधि होती है जिसे दिन के किसी भी नए कार्य या महत्वपूर्ण कार्यों की शुरुआत के लिए अशुभ माना जाता है। यह भारतीय वैदिक ज्योतिष से संबंधित है और यह राहु की स्थिति पर आधारित है, जो हिंदू ज्योतिष के नौ ग्रहों में से एक है। मान्यताओं के अनुसार, राहु एक छाया ग्रह है जो निर्णय लेने में प्रभाव डालता है और इसके समय के दौरान कार्यों की शुरुआत में विलंब या अड़चनें उत्पन्न हो सकती हैं। प्रतिदिन राहु काल के आरम्भ और समाप्ति का समय जानिए
राहु काल आरंभ |
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राहु काल समाप्त |
राहु काल लगभग 90 मिनट का होता है और यह सूर्योदय और सूर्यास्त के समय के आधार पर बदलता रहता है। हालांकि यह ग्रहों के घंटों से सीधे संबंधित नहीं है, लेकिन इसे सूर्योदय और सूर्यास्त के बीच के समय को आठ समान हिस्सों में विभाजित करके निर्धारित किया जाता है। इन आठ हिस्सों में से एक भाग राहु को आवंटित किया जाता है।
कब कार्यों से बचें: पारंपरिक रूप से, लोग राहु काल के दौरान नए प्रोजेक्ट शुरू करने, शुभ कार्यों जैसे विवाह, महत्वपूर्ण अनुबंधों पर हस्ताक्षर करने, या यात्रा की शुरुआत करने से बचते हैं। हालांकि, सामान्य कार्य जैसे खाना खाना, पढ़ाई करना, या यात्रा करना आमतौर पर इस विश्वास से अप्रभावित होते हैं।
राहु काल की गणना (सूर्योदय के आधार पर)
राहु काल का समय हर दिन अलग होता है और यह क्षेत्रीय सूर्योदय और सूर्यास्त के समय के अनुसार बदलता रहता है। यहाँ सप्ताह के हर दिन के लिए राहु काल का सामान्य विभाजन दिया गया है:
- सोमवार: दूसरा खंड
- मंगलवार: सातवां खंड
- बुधवार: पांचवा खंड
- गुरुवार: छठा खंड
- शुक्रवार: चौथा खंड
- शनिवार: तीसरा खंड
- रविवार: आठवा खंड
राहु काल और अपवाद
राहु काल केवल उन गतिविधियों पर लागू होता है जो कुछ नया शुरू करने से संबंधित होती हैं। पहले से चल रहे कार्यों को इस समय के दौरान बिना किसी चिंता के जारी रखा जा सकता है। इसके अलावा, यदि अन्य ज्योतिषीय पहलुओं जैसे नक्षत्रों और योगों को ध्यान में रखते हुए शुभ कार्य किए जाते हैं, तो वे राहु काल से प्रभावित नहीं हो सकते हैं।
सामान्य भ्रांतियाँ
राहु काल सभी गतिविधियों के परिणाम को निर्धारित नहीं करता है। यह केवल एक परामर्शात्मक अवधि होती है जिसमें सतर्कता की सलाह दी जाती है। इसके प्रभाव को कुछ विशेष अनुष्ठानों, प्रार्थनाओं या अन्य सकारात्मक ज्योतिषीय तत्वों के साथ कार्य को संरेखित करके कम किया जा सकता है।