सूर्योदय एवं सूर्यास्त समय

सूर्योदय एवं सूर्यास्त समय

सूर्योदय एवं सूर्यास्त समय -

सूर्योदय (Sunrise), सूर्यास्त (Sunset) और दिन की अवधि (Day Duration) भारतीय वैदिक ज्योतिष में अत्यंत महत्वपूर्ण माने जाते हैं। ये खगोलीय घटनाएं ज्योतिषीय गणनाओं, हिंदू धर्म के अनुष्ठानों, और शुभ मुहूर्तों के निर्धारण के लिए आधारभूत होती हैं। इनके अर्थ, गणना की विधि, और वैदिक परंपराओं में इनकी भूमिका को समझने से जीवन के दैनिक चक्र को गहराई से समझा जा सकता है। किसी भी दिन सूर्योदय और सूर्यास्त का समय जानें। साथ ही जानिए दिन और रात की अवधि |

गुरुवार, 21 नवंबर 2024

सूर्योदय समय

सूर्यास्त समय

दिनमान

रात्रिमान

सूर्योदय, सूर्यास्त, और दिन की अवधि केवल खगोलीय घटनाएं नहीं हैं, बल्कि ऐसे आध्यात्मिक संकेतक हैं जो भारतीय वैदिक ज्योतिष में दैनिक जीवन का मार्गदर्शन करते हैं। ये मानव गतिविधियों को ब्रह्मांडीय चक्र के साथ सामंजस्य स्थापित करने में मदद करते हैं। अनुष्ठानों की योजना बनाने से लेकर ग्रहों के प्रभाव को समझने तक, ये समय हिंदू धर्म की ज्योतिषीय और आध्यात्मिक परंपराओं का आधार बनते हैं।

सूर्योदय (Sunrise)

सूर्योदय वह क्षण है जब सूर्य का ऊपरी भाग क्षितिज पर दिखाई देने लगता है। यह वैदिक ज्योतिष में दिन की शुरुआत को चिह्नित करता है और सभी ज्योतिषीय और आध्यात्मिक गतिविधियों के लिए स्वर निर्धारित करता है।

वैदिक ज्योतिष में महत्व

  1. दिन की शुरुआत: - पंचांग सूर्योदय से प्रारंभ हा है। - तिथि, नक्षत्र, और ग्रहों की गोचर स्थिति सूर्योदय के आधार पर गणना की जाती है।

  2. शुभ कार्य: - पूजा, हवन, व्रत आदि जैसे शुभ कार्य सूर्योदय के बाद आरंभ किए जाते हैं।

  3. ब्रह्म मुहूर्त:- ब्रह्म मुहूर्त सूर्योदय से ठीक 2 मुहूर्त (1 मुहूर्त = लगभग 48 मिनट) पहले शुरू होता है और 48 मिनट पहले समाप्त होता है। इसलिए सूर्योदय से लगभग 96 मिनट पहले का समय ब्रह्म मुहूर्त माना जाता है, जो ध्यान और आध्यात्मिक अभ्यास के लिए आदर्श है।

सूर्यास्त (Sunset)

सूर्यास्त वह क्षण है जब सूर्य का ऊपरी भाग क्षितिज के नीचे चला जाता है। यह दिन के अंत और रात्रि की शुरुआत को दर्शाता है।

वैदिक ज्योतिष में महत्व

  1. संध्या : सूर्यास्त के आसपास का समय संध्या काल कहलाता है, जो प्रार्थना और संध्योपासना के लिए पवित्र माना जाता है।

  2. चौघड़िया मुहूर्त: सूर्यास्त दिन और रात को विभाजित करता है और चौघड़िया (घंटे आधारित मुहूर्त) की गणना में सहायक होता है।

दिन की अवधि (Day Duration)

दिन की अवधि सूर्योदय से सूर्यास्त तक के समय को दर्शाती है। यह वर्ष भर बदलती रहती है क्योंकि पृथ्वी अपने अक्ष और कक्षा के झुकाव के कारण सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करती है।

दिन की अवधि की गणना

  1. विषुव (Equinox): विषुव के दिनों में दिन और रात की अवधि समान होती है।
  2. मौसमी परिवर्तन: गर्मियों में दिन लंबे होते हैं क्योंकि सूर्य उत्तरी गोलार्ध में रहता है। सर्दियों में दिन छोटे होते हैं क्योंकि सूर्य दक्षिणी गोलार्ध में रहता है।

वैदिक ज्योतिष में महत्व

  1. होरा (घड़ी) निर्धारण: दिन को 24 होरा (घड़ियों) में विभाजित किया जाता है। दिन और रात की घड़ियां दिन और रात की अवधि पर आधारित होती हैं।

  2. शुभ मुहूर्त: राहु काल, यम गंडम, और गुलिक काल जैसी विशिष्ट अवधि दिन की लंबाई से निर्धारित होती हैं।

  3. मौसमी प्रभाव: गर्मियों के लंबे दिन सौर ऊर्जा को मजबूत करते हैं, जो विशेष अनुष्ठानों और गतिविधियों के लिए लाभकारी माने जाते हैं। सर्दियों के छोटे दिन आत्मनिरीक्षण और आध्यात्मिक साधना के अनुकूल होते हैं।