सूर्य गोचर

सूर्य गोचर

सूर्य का गोचर

भारतीय ज्योतिष में सूर्य सबसे महत्वपूर्ण ग्रहों में से एक है। सूर्य राजा, नारंगी रंग, माणिक्य रत्न, पूर्व दिशा, आत्मा, सात्विक गुणों का प्रतीक है। सिंह राशि सूर्य की राशि है। यह मेष राशि में उच्च का और तुला राशि में नीच का होता है। सूर्य चंद्रमा, मंगल और बृहस्पति को मित्र ग्रह, बुध को सम ग्रह और शुक्र, शनि, राहु, केतु को शत्रु ग्रह मानता है। सूर्य एक राशि को पूरा करने में लगभग एक महीने का समय लेता है। मकर संक्रांति 12 संक्रांति में से एक है जो सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने पर मनाई जाती है। सूर्य कभी भी वक्री या अस्त नहीं होता है।

सूर्य नेतृत्व, दृढ़ निश्चय, उदारता और स्वतंत्रता जैसे गुणों का प्रतिनिधित्व करता है। यह प्रशासन और राजनीति से जुड़े पेशों पर प्रभाव डालता है। शारीरिक दृष्टि से सूर्य मजबूत शरीर और तेजस्वी व्यक्तित्व का प्रतीक है। जन्म कुंडली में मजबूत सूर्य आत्मनिर्भरता, निर्णय लेने की क्षमता और समाज में मान्यता दिलाता है। हालांकि, कमजोर या पीड़ित सूर्य अहंकार, जिद्दीपन, या हृदय, रीढ़ या आंखों से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।

सूर्य को मजबूत करने के उपाय:
यदि कुंडली में सूर्य कमजोर या पीड़ित हो, तो इसके नकारात्मक प्रभाव को कम करने और सकारात्मक प्रभाव को बढ़ाने के लिए कुछ उपाय किए जा सकते हैं:

  • सूर्य मंत्र जैसे "ॐ सूर्याय नमः" या आदित्य हृदय स्तोत्र का जाप।
  • सूर्योदय के समय सूर्य को जल अर्पित करना (सूर्य अर्घ्य देना)।
  • रविवार को उपवास रखना या सूर्य संबंधित अनुष्ठान करना।
  • सूर्य से जुड़े पदार्थ जैसे गेहूं, गुड़ का दान करना।
  • ज्योतिषीय सलाह के बाद माणिक (Ruby) रत्न धारण करना।

सूर्य का गोचर सभी राशि परिवर्तन तिथि के साथ साथ प्रतिदिन की राशि, सम्बन्ध, डिग्री विवरण सहित नीचे दिया गया है|

सूर्य की राशि परिवर्तन तिथियां

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अंश

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